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मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट के राजनीतिक विचार

मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट के राजनीतिक विचार के PYQ आधारित नोट्स बनाये गए हैं। जिसमें वोलस्टोनक्राफ्ट का परिचय, मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट पर प्रभाव, वोलस्टोनक्राफ्ट पहली नारीवादी विचारक, वोलस्टोनक्राफ्ट के नारीवादी विचार, महिला-शिक्षा संबंधी विचार, महिला-समानता का विचार एवं अन्य महत्वपूर्ण तथ्य तथा मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट की पुस्तकों एवं लेखों का विवरण है।

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मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट का परिचय

इंग्लैण्ड की दार्शनिक मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट का जन्म 27 अप्रैल 1759 को स्पिटाफील्ड्स में हुआ। महिला अधिकारों का समर्थन करने कारण वोलस्टोनक्राफ्ट को नारीवादी दार्शनिक के तौर पर जाना जाता है। इनकी मृत्यु 10 सितंबर 1797 को सोमर्स-टाउन लदंन में 38 वर्ष की आयु में हुई।

मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट पर प्रभाव

वोलस्टोनक्राफ्ट अमेरिकी क्रांति (1776) और फ्रांसीसी क्रांति (1789) से प्रभावित थी। इनके अनुसार महिलाओं को पुरुषों की संपत्ति के रुप में देखा जाता है। महिलाओं का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है, तथा पति के द्वारा उनके विरुध्द घरेलू हिंसा भी की जाती है।

वोलस्टोनक्राफ्ट पहली नारीवादी विचारक

मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट के राजनीतिक विचार एक पम्फ्लेट ‘विडिकेशन ऑफ द राइट्स ऑफ वूमैन’ के द्वारा एडमंड बर्क को सीधी चुनौती देते है। रूढ़ीवादी विचारक बर्क ने अपनी पुस्तक ‘रिफ्लैक्शन ऑन रिवॉल्यूशन इन फ्रांस’ में परंपराओं एवं संपत्ति के अधिकारों का समर्थन किया था। इसी कारण वोलस्टोनक्राफ्ट को पहला नारीवादी कहा जाता है।

वोलस्टोनक्राफ्ट के नारीवादी विचार

वोलस्टोनक्राफ्ट उदारवादी नारीवाद का समर्थन करने वाली पहली महान नारीवादी दार्शनिक विचारक हैं। उदारवादी नारीवादी विचारक पितृ-सत्तात्मक समाज की सत्ता को हटाना नहीं चाहते थे बल्कि ये मूल रूप से सुधारवादी थे। वोलस्टोनक्राफ्ट ने महिलाओं के जीवन के सभी पक्षों में समान अधिकारों एवं अवसरों को बढ़ावा देने की वकालत की थी। इनका मानना था कि यदि महिलाओं को शिक्षा के समान अवसर प्राप्त होंगे तो राजनितिक तथा सामाजिक जीवन में लैंगिक भेदभाव को समाप्त किया जा सकता है। इन्होंने व्यक्ति का महत्व उसकी प्रतिभा, योग्यता और चरित्र के आधार पर होना चाहिए। क्योंकि इनका विश्वास था कि सभी व्यक्तियों का समान नैतिक महत्व होना चाहिए।

महिला-शिक्षा संबंधी विचार

मेरी ने अपनी पहली पुस्तक ‘थाट्स ऑन द एजूकेशन ऑफ डाटर्स’ में महिला शिक्षा के विचार प्रस्तुत किए थे। यह पुस्तक ब्रिटेन के मध्यवर्गीय परिवार में एक मां को अपनी पुत्रियों में बचपन से ही तार्किक सोच, आत्म-अनुशासन, ईमानदारी और अपनी सामाजिक स्थिति विकसित करने के गुणों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। क्राफ्ट का प्रयास प्रत्येक नारी को शिक्षित करने का था।

महिला-समानता का विचार

मेरी का कथन है कि महिलाओं को अपनी बुद्धिमत्ता एवं विशिष्टता पर बल देना चाहिए न कि पति को प्रसन्न करने पर ऊर्जा समाप्त करनी चाहिेए। इन्होंने माना कि पुरुष शारीरिक रूप से ज्यादा शक्तिशाली होते है। किन्तु विवेक और तर्क में महिलाए समान है। क्योंकि क्राफ्ट के अनुसार मानव विवेकशील एवं तार्किक प्राणी है। इस लिए महिलाओं को भी समान अधिकार एवं स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहिए जो शिक्षा के द्वारा ही संभव है। इसी कारण इन्होंने रूसो की कड़ी आलोचाना की है क्योंकि रूसो ने अपनी पुस्तक ‘एमाइल'(1762) में महिलाओं को केवल घरेलु कार्यों के लिए उपयोगी कहा था।

मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट विवाह और परिवार की विरोधी नहीं थी इन्होंने केवल महिलाओं की शिक्षा एवं स्वतांत्रता पर बल दिया। वोलस्टोनक्राफ्ट का प्रसिध्द कथन है कि ‘विवाह वैधानिक वेश्यावृत्ति है। जहां महिलाएं दासों की भांति जीवन यापन करती है’।

मेरी वोलस्टोनक्राफ्ट की पुस्तकें एवं लेख

  1. थाट्स ऑन द एजूकेशन ऑफ डाटर्स 1787
  2. ओरिजिनल स्टोरीज फ्राम रियल लाइफ 1788
  3. मैरी, ए फिक्शन 1788
  4. ए विडिकेशन ऑफ द राइट्स ऑफ मैन 1790
  5. ए विडिकेशन ऑफ द राइट्स ऑफ वूमैन : विथ स्ट्रिक्चर्स ऑन पॉलिटिकल एंड मॉरल सब्जेक्ट्स 1792
  6. लेटर्स रिटेन ड्यूरिंग ए शार्ट रेजीडेन्स इन स्वीडेन, नार्वे और डेनमार्क 1796
  7. मारिया : और, द रौन्ग ऑफ वूमेन 1798

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