कन्फ्यूशियस के राजनीतिक विचार के PYQ आधारित नोट्स बनाये गए हैं। जिसमें कन्फ्यूशियस का परिचय, कन्फ्यूशियस के आदर्श राज्य का विचार, कन्फ्यूशियस के राजा के गुण, कन्फ्यूशियस के मानव संबंधी विचार, कन्फ्यूशियस के अन्य महत्वपूर्ण विचार तथा कन्फ्यूशियस की पुस्तकों का विवरण है।
कन्फ्यूशियस का परिचय
चाइनीज शिक्षक, राजनीतिक और दार्शनिक, कन्फ्यूशियस का जन्म 551 ईसा पूर्व झोऊ राज्य (Zhou Kingdom) के नैक्सिनजियान (Nanxinzhen) प्रांत में हुआ था। इनका पूरा नाम ‘कोंग क्यू कन्फ्यूशियस’ था। कन्फ्यूशियस के राजनीतिक विचार के अंतर्गत मुख्यतः नैतिक दार्शनिकता, समाजिक नैतिकता और नैतिक मूल्यों पर बल दिया गया है।
कन्फ्यूशियस के आदर्श राज्य का विचार
कन्फ्यूशियस के अनुसार राज्य की तीन सर्वोच्च शक्तियाँ है – ईश्वर, राज्य तथा जनता। आदर्श राज्य में समस्त पदाधिकारी व जनता अपने-अपने स्वधर्म का पालन करेंगे। कन्फ्यूशियस ने परिवार व राज्य की सत्ता में कोई अंतर नहीं किया इसीलिए राज्य को राजा के परिवार का ही विस्तृत रूप माना है। और व्यक्तियों को अपने अन्यायी राजा का विरोध करने का अधिकार प्रदान किया। परंतु इन्होंने सशक्त केन्द्रीय सत्ता का समर्थन किया था।
कन्फ्यूशियस ने आदर्श राज्य की नींव के तीन तत्व बताए है।
- जैन ( लोक कल्याण)
- यी (औचित्य)
- ली (अनुष्ठान)
कन्फ्यूशियस ने परंपराओं से सीखकर एक नई व्यवस्था को बनाने पर बल दिया है। इन्होंने चीन को एक एकीकृत राजशाही राज्य ( Unified Royal State) बनाना चाहा था। कन्फ्यूशियस ने लोकतंत्र का समर्थन नहीं किया। बल्कि वे राजतंत्र व सामंतवाद के समर्थक थे। किंतु इन्होंने निरंकुश राजतंत्र व शोषणकारी सामंतवाद का विरोध किया। और कौटिल्य की भांति राजा व सामंतो पर परम्परागत और नैतिक मूल्यों का नियंत्रण लगाया।
कन्फ्यूशियस ने राजा के निम्न गुण बताए हैं –
- राजा को हमेशा सत्य बोलना चाहिए, ईमानदार होना चाहिए।
- राजा को अच्छे से नेतृत्व करना चाहिए है, क्योंकि सभी व्यक्ति उसी के अनुसार कार्य करेंगे, उसका अनुसरण करेंगे।
- प्रजा व राजा के मध्य पिता व पुत्र का संबंध होना चाहिए।
- राजा को अपने निर्णय लेते समय सभी सम्मानित व्यक्तियों से सलाह लेनी चाहिए।
कन्फ्यूशियस के मानव संबंधी विचार
कन्फ्यूशियस के अनुसार मानव स्वभाव से अच्छा होता है। व्यक्ति को सिखाकर व प्रशिक्षित करके पूर्ण किया जा सकता है। इनके अनुसार मानव एक नैतिक प्राणी है। नैतिकता को आधार बनाकर ही विकास किया जाना चाहिए जिससे व्यक्ति स्व-अनुशासित हो जाएगें। इनका मानना है कि सभी व्यक्ति को नैतिक होना चाहिए व नैतिक जीवन जीने के लिए 5 बहुत जरूरी चीजें बताई हैं –
- मन में दूसरों के लिए हित की भावना।
- व्यक्ति का न्याय प्रिय रहना।
- ईमानदार रहना।
- सही परंपराओं का पालन करना।
- ज्ञान की तलाश करना।
कन्फ्यूशियस के अन्य महत्वपूर्ण विचार
- कन्फ्यूशियस ने शिक्षा को समस्त व्यवस्था में सुधार का मूल आधार माना है। इसीलिए इन्होंने सस्ती व सार्वजनिक शिक्षा का पक्ष लिया। इनका मानना था कि केवल कुलीन वर्ग ही नहीं बल्कि पूरी प्रजा के लिए शिक्षा आवश्यक है।
- कन्फ्यूशियस ने अरस्तु से पूर्व ही स्वर्णिम मध्यमार्ग के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था।
कन्फ्यूशियस के अनुसार एक आदर्श व्यवस्था के अंतर्गत समाज में चार वर्ण होने चाहिए। किंतु वर्णव्यवस्था में कठोरता के समर्थक नहीं थे। - कन्फ्यूशियस के राजनीतिक विचार को कन्फ्यूशियसवाद भी कहा जाता है। जिनमें हीगल के विचारों की झलक भी दिखाई पड़ती है।
- कन्फ्यूशियस के अनुसार राजनीतिक, सामाजिक व प्रशासनिक अधिकार सिर्फ पुरूषों को प्राप्त होना चाहिए।
- कन्फ्यूशियस का मानना है, शासको को नौ नियमों का पालन करना चाहिए जिसमें चारित्रिक विकास प्रमुख है।
- कन्फ्यूशियस ने श्रेणीतंत्रीय समाजिक व्यवस्था का समर्थन किया तथा असमानताओं को प्राकृतिक व ईश्वर प्रदत्त माना था।
कन्फ्यूशियस की पुस्तकें
- बुक ऑफ डॉक्यूमैन्ट्स
- क्लासिक ऑफ पोइट्री (शी चिड़ – गीत संग्रह)
- कन्फ्यूशियस सेज्
- बुक ऑफ रीट्स
- रा चिड़ (एनालैक्ट्स – विविध प्रसंग)
- ता सीमों ( महान शिक्षा)
- स्वर्णिम मार्ग
इन्हें भी पढ़े –
अरस्तु का जीवन परिचय और सिद्धांत
प्लेटो का जीवन परिचय और सिद्धांत
हीगल के राजनीतिक विचार
जे एस मिल के राजनीतिक विचार
लेनिन के राजनीतिक विचार